- Om Prakash Tiwari
- April 9, 2024
नव वर्ष
ॐ…….बाग में महुआ सुगंधित मन लुभाता है, आम के बौरों पे भँवरा गीत गाता है ;स्वर्ण सी आभा बिखेरे खेत में गेहूँ,मित्र तब अपना प्रिये
ॐ…….बाग में महुआ सुगंधित मन लुभाता है, आम के बौरों पे भँवरा गीत गाता है ;स्वर्ण सी आभा बिखेरे खेत में गेहूँ,मित्र तब अपना प्रिये
जग पानी के लिए रो रहाहोकर पानी – पानी राम,रहते वक्त न ये जग चेताबिगड़ी तभी कहानी राम ।नदियां सूखीं, पोखर सूखेसूखे कुएं तलाव रे,हैंडपंप
हे प्रभू वह मति प्रसारोसब करें कल्याण सबका।करि कृपा सारे जगत कोदीजिए वह चेतना,कर सकें महसूस हम सबहर किसी की वेदना;प्रेम का विस्तार होइस स्वार्थी