- Om Prakash Tiwari
- January 26, 2024
सफेदी बाल पर
सफेदी बाल पर गाल पर झुर्रियांखिल रहीं सूरते हाल पर झुर्रियां इक तिजोरी तजुर्बों की समझो इन्हेंब्याज हैं मूल के माल पर झुर्रियां जिंदगी के
सफेदी बाल पर गाल पर झुर्रियांखिल रहीं सूरते हाल पर झुर्रियां इक तिजोरी तजुर्बों की समझो इन्हेंब्याज हैं मूल के माल पर झुर्रियां जिंदगी के
जीतिए दिल दुश्मनों का आप अपने प्यार से,बोलने वालों से लड़िए मौन के हथियार से।हो जहाँ नाकाम लश्कर भी सिकंदर वीर का,जंग जीती हैं गई