- Om Prakash Tiwari
- January 26, 2024
हठ नेग के हेतु
ॐ सुनि राम के जन्म कि बात सखीरनिवास की ओरहिं धावति हैं। कोउ ढोल कोऊ ढपली खंझड़ी कोउ थालिहिं पीटि बजावति हैं।कुछ झूमि दलान में
ॐ सुनि राम के जन्म कि बात सखीरनिवास की ओरहिं धावति हैं। कोउ ढोल कोऊ ढपली खंझड़ी कोउ थालिहिं पीटि बजावति हैं।कुछ झूमि दलान में
ॐ……शनि, मंगल, सूर्य व शुक्र, गुरुअपने ग्रह उच्च विराजि रहे।जब लग्न में चंद्र-बृहस्पति चैत्र केशुक्ल की नवमी को साजि रहे।नभ में सब देव करें जयकारव
जग पानी के लिए रो रहाहोकर पानी – पानी राम,रहते वक्त न ये जग चेताबिगड़ी तभी कहानी राम ।नदियां सूखीं, पोखर सूखेसूखे कुएं तलाव रे,हैंडपंप
हे प्रभू वह मति प्रसारोसब करें कल्याण सबका।करि कृपा सारे जगत कोदीजिए वह चेतना,कर सकें महसूस हम सबहर किसी की वेदना;प्रेम का विस्तार होइस स्वार्थी
कहने दो जो कह रहे उलटी-सीधी बात,वे तो अपने साथ ही आज कर रहे घात।आज कर रहे घात न मंदिर जिन्हें सुहाता,चार महीने बाद वही
सहते आए पांच सौ वर्ष तलक अपमान,आज करें मिलकर सभी प्रभु का स्तुतिगान।प्रभु का स्तुतिगान आ गई है शुभ बेला, हुआ आज से खत्म समझिए सेक्युलर खेला
मैं, और मेरी अयोध्या ऊँ ….. जय श्रीराम ……………. लखनऊ से प्रकाशित होनेवाला दैनिक स्वतंत्र चेतना औपचारिक तौर पर मेरा पहला अखबार था, जहां मुझे बाकायदा