- Om Prakash Tiwari
- February 20, 2024
किसान आंदोलन
ॐ……गेहूं – चावल से इतर आप उगाओ दाल,ताकि सुधरे देश में दलहन का कुछ हाल।दलहन का कुछ हाल मंगाते आज विदेशी,खा पाए यह देश दाल
ॐ……गेहूं – चावल से इतर आप उगाओ दाल,ताकि सुधरे देश में दलहन का कुछ हाल।दलहन का कुछ हाल मंगाते आज विदेशी,खा पाए यह देश दाल
ॐ……रहो ‘यशस्वी’ तुम बने कर रन की बौछार,हर बॉलर की गेंद को भेजो सीमा पार।भेजो सीमा पार हमेशा जीते भारत,रोए घुटने टेक विदेशी क्रिकेट गारद।अपना
ॐ…..कारण क्या जो छोड़कर लोग जा रहे साथ,रोज बिगड़ती जा रही अपनों से ही बात।अपनों से ही बात नाथ कर रहे पलायन,कब तक पढ़ते आप
ऊँ……काला धन ही है सही क्या करना है बांड,नहीं चाहते लोग जब देश बने इक ब्रांड। देश बने इक ब्रांड विश्व सीखे कुछ इससे, धीरज साहू ब्रांड
ॐ……रायबरेली हो गई देखो आज ‘अनाथ’,मैडम ने भी आज जब छोड़ा उसका साथ।छोड़ा उसका साथ ‘हाथ’ पर आया संकट,राज्यसभा की राह तभी तो पकड़ी झटपट।जिस
ॐ…….गूँजे कहीं विदेश में जब घंटा – घड़ियाल,ऊँचा होता सुन उसे हर हिंदू का भाल। हर हिंदू का भाल गया था जिसे झुकाया, उसने सदियों
ॐ…..बैटर थे वह ओपनर किंतु हो गए कैच,सकते में हैं टीम अब कैसे खेले मैच। कैसे खेले मैच गई अब पलट कहानी,राहुल जी के हाथ
सफेदी बाल पर गाल पर झुर्रियांखिल रहीं सूरते हाल पर झुर्रियां इक तिजोरी तजुर्बों की समझो इन्हेंब्याज हैं मूल के माल पर झुर्रियां जिंदगी के
जीतिए दिल दुश्मनों का आप अपने प्यार से,बोलने वालों से लड़िए मौन के हथियार से।हो जहाँ नाकाम लश्कर भी सिकंदर वीर का,जंग जीती हैं गई
ॐ……. सरयू तट शीश धरे कलशासब नारिहिं हैं बतियाय रहीं।प्रभु राम व तीनिहुँ भायन केहँसि के सब हाल सुनाय रहीं।सुनि बात सबै पनिहारिन कीसरयू मन