Om Prakash Tiwari

हठ नेग के हेतु

ॐ सुनि राम के जन्म कि बात सखीरनिवास की ओरहिं धावति हैं। कोउ ढोल कोऊ ढपली खंझड़ी कोउ थालिहिं पीटि बजावति हैं।कुछ झूमि दलान में नाचति हैंसुर साधि के सोहर गावति हैं। कुछ घेरि के राजा की राह खड़ी हठ नेग के हेतु देखावति हैं। 0 Facebook 0 Twitter 0 Linkedin 0 Pinterest 0 Whatsapp

नगारहिं बाजि रहे

ॐ……शनि, मंगल, सूर्य व शुक्र, गुरुअपने ग्रह उच्च विराजि रहे।जब लग्न में चंद्र-बृहस्पति चैत्र केशुक्ल की नवमी को साजि रहे।नभ में सब देव करें जयकारव पुष्प सुगंधित गाँजि रहे।जनमे जग में जब रामललाचहुँ ओर नगारहिं बाजि रहे। 0 Facebook 0 Twitter 0 Linkedin 0 Pinterest 0 Whatsapp

जग पानी के लिए रो रहा

जग पानी के लिए रो रहा
होकर पानी – पानी राम,
रहते वक्त न ये जग चेता
बिगड़ी तभी कहानी राम ।

एक प्रार्थना

हे प्रभू वह मति प्रसारोसब करें कल्याण सबका।करि कृपा सारे जगत कोदीजिए वह चेतना,कर सकें महसूस हम सबहर किसी की वेदना;प्रेम का विस्तार होइस स्वार्थी संसार में,दो मनुष्यों बीचकिंचित मात्र भी हो भेद ना।हाथ इक – दूजे का थामेसाथ हो उत्थान सबका।देश का शासन – प्रशासनरहनुमा – नेता सभी,बुद्धिजीवी-कवि-विचारकऔर अध्येता सभी;बुद्धि निर्मल हो सभी कीशुद्ध […]

राम विरोधी

कहने दो जो कह रहे उलटी-सीधी बात,वे तो अपने साथ ही आज कर रहे घात।आज कर रहे घात न मंदिर जिन्हें सुहाता,चार महीने बाद वही पीटेंगे माथा।राम हमारे आय रहे निज गृह में रहने,कहने दो जो राम विरोधी निकले कहने ! – ओमप्रकाश तिवारी  0 Facebook 0 Twitter 0 Linkedin 0 Pinterest 0 Whatsapp

नयन भरे हैं आज

सहते आए पांच सौ वर्ष तलक अपमान,
आज करें मिलकर सभी प्रभु का स्तुतिगान।

मैं, और मेरी अयोध्या

लखनऊ से प्रकाशित होनेवाला दै शनक स्वतंत्र चेतना औपचाररक तौर पर मेरा पहला अखबार था, जहां मुझे बाकायदा वेतन शमलना िुरू हुआ था। उससे पहले सीतापुर रोड से प्रकाशित होनेवाले ‘शनष्पक्ष जनमंच’ सशहत कई छोटे-मोटे अखबारों में काम शकया।