किसान आंदोलन
गेहूं – चावल से इतर आप उगाओ दाल,
ताकि सुधरे देश में दलहन का कुछ हाल।
गूँजे कहीं विदेश में जब घंटा – घड़ियाल,
ऊँचा होता सुन उसे हर हिंदू का भाल।
जीतिए दिल दुश्मनों का आप अपने प्यार से,बोलने वालों से लड़िए मौन के हथियार से।हो जहाँ नाकाम लश्कर भी सिकंदर वीर का,जंग जीती हैं गई इक तबस्सुम की मार से ।पीढ़ियों से धधकती ज्वाला भी बुझती है मियाँ,आपके मीठे वचन की एक मस्त फुहार से।जंग जीतो इस तरह कि राज सबके दिल पे हो,बच के […]