महिला नेता ही करे महिला का उपहास, नई गिरावट का करे तब समाज अहसास।
आटा गीला हो गया कंगाली के दौर, खाते पर ताला दिए बैठा कोई और।
ईडी वाले खेलते होली बिल्कुल मस्त, प्रश्नों की गुंझिया चखें नेता सारे भ्रष्ट।
नैतिकता को घोलकर गटक गया वह यार, बैठे – बैठे जेल से चलती है सरकार।
‘साउथ लॉबी’ ने किया पूरा बंटाधार, जेल यात्रा का बना वही प्रमुख आधार।
आंखें खोलो, सोचकर बोलो अब अखिलेश, वाणी के अविवेक पर थूक रहा है देश।
यात्राएं करके हुए राहुल जी ‘मेच्योर’, सभी समर्थक हो गए अब तो उनके श्योर।
चंदा वाइट में मिले तो उनको ऐतराज, मतलब, चलना चाहिए काले धन का राज।
डंका बजने जा रहा हो जाओ तैयार, रोज भिगोएंगी हमें वादों की बौछार।
धक्का घर में ही लगा यह चिंता की बात, कौन कर रहा है भला ममता दी से घात।