करके बालक राम का किरणों से अभिषेक, सूर्य देव भी धन्य हैं दृश्य अवध का देख।
झटके पर झटका लगे किंतु न सुधरें ‘आप’, दिल्ली वाले देखते बंधु ‘आप’ का पाप।
बाग में महुआ सुगंधित मन लुभाता है, आम के बौरों पे भँवरा गीत गाता है ;
ममता जी के राज का गजब देखिए हाल, कहीं ना कहीं रोज ही होता दिखे बवाल।
राहुल जी की फंस गई वायनाड में सीट, एनी राजा से दिखे कांग्रेस भयभीत।
बिटिया रानी रो रहीं पैदल हैं अब मौर्य, हुए ‘राम’ विपरीत तो भूल गया सब शौर्य।
हम भी बीजिंग को कहें चलो अयोध्या धाम, शंघाई में भी बसें जा करके प्रभु राम।
लंबे टाइम के लिए गए जेल उस्ताद, शिखर चूमकर कैरियर कर डाला बर्बाद।
आएंगे ‘वे’ मंच पर जोड़ हाथ में हाथ, लेकिन ‘वे’ देंगे नहीं इक-दूजे का साथ।
दिल्ली वाले हैं बहुत भोले भाले लोग, तभी चल रहा जेल से भाई का उद्योग।