ॐ
……
आटा गीला हो गया कंगाली के दौर,
खाते पर ताला दिए बैठा कोई और।
बैठा कोई और लड़ें किस भांति इलेक्शन,
बिन पैसे के बंद हो गए सारे एक्शन।
चेहरा हुआ वसंत की तरह पीला – पीला,
है उदास कांग्रेस हाथ ले आटा गीला !
– ओमप्रकाश तिवारी
कंगाली में आटा गीला
ॐ
……
आटा गीला हो गया कंगाली के दौर,
खाते पर ताला दिए बैठा कोई और।
बैठा कोई और लड़ें किस भांति इलेक्शन,
बिन पैसे के बंद हो गए सारे एक्शन।
चेहरा हुआ वसंत की तरह पीला – पीला,
है उदास कांग्रेस हाथ ले आटा गीला !
– ओमप्रकाश तिवारी