टुकड़ा-टुकड़ा

ऊँ
……
टुकड़ा-टुकड़ा जोड़कर हमको दिए पटेल, 
समझ रहे हैं आज के नेता इसको खेल। 
नेता इसको खेल राष्ट्र ना इसको मानें, 
जो मुंह में आ जाय वही गाते हैं गाने। 

इन लोगों का हाथ अगर ना जाए पकड़ा, 
फिर देंगे ये बांट देश को टुकड़ा-टुकड़ा !
– ओमप्रकाश तिवारी 

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