ॐ
…..
कारण क्या जो छोड़कर लोग जा रहे साथ,
रोज बिगड़ती जा रही अपनों से ही बात।
अपनों से ही बात नाथ कर रहे पलायन,
कब तक पढ़ते आप वहाँ राहुल रामायण !
यह दुर्गति श्रीमान नहीं हो रही अकारण,
छोड़ि यात्रा आप खोजिए इसका कारण !!
– ओमप्रकाश तिवारी
कारण खोजो
ॐ
…..
कारण क्या जो छोड़कर लोग जा रहे साथ,
रोज बिगड़ती जा रही अपनों से ही बात।
अपनों से ही बात नाथ कर रहे पलायन,
कब तक पढ़ते आप वहाँ राहुल रामायण !
यह दुर्गति श्रीमान नहीं हो रही अकारण,
छोड़ि यात्रा आप खोजिए इसका कारण !!
– ओमप्रकाश तिवारी