ॐ
……
रायबरेली हो गई देखो आज ‘अनाथ’,
मैडम ने भी आज जब छोड़ा उसका साथ।
छोड़ा उसका साथ ‘हाथ’ पर आया संकट,
राज्यसभा की राह तभी तो पकड़ी झटपट।
जिस आंगन में तीन पीढ़ियाँ ‘खाईं – खेली’,
अब बंजर मैदान हुई वह रायबरेली !
– ओमप्रकाश तिवारी
रायबरेली
ॐ
……
रायबरेली हो गई देखो आज ‘अनाथ’,
मैडम ने भी आज जब छोड़ा उसका साथ।
छोड़ा उसका साथ ‘हाथ’ पर आया संकट,
राज्यसभा की राह तभी तो पकड़ी झटपट।
जिस आंगन में तीन पीढ़ियाँ ‘खाईं – खेली’,
अब बंजर मैदान हुई वह रायबरेली !
– ओमप्रकाश तिवारी