- Om Prakash Tiwari
- March 29, 2024
चिट्ठी
ॐ…..दिल्ली वाले हैं बहुत भोले भाले लोग,तभी चल रहा जेल से भाई का उद्योग।भाई का उद्योग रोज भिजवाए चिट्ठी,भले हुई गुम दीख रही है सिट्टी-पिट्टी।जिनको
ॐ…..दिल्ली वाले हैं बहुत भोले भाले लोग,तभी चल रहा जेल से भाई का उद्योग।भाई का उद्योग रोज भिजवाए चिट्ठी,भले हुई गुम दीख रही है सिट्टी-पिट्टी।जिनको
ऊँ……महिला नेता ही करे महिला का उपहास, नई गिरावट का करे तब समाज अहसास। तब समाज अहसास लड़ेगी कैसे लड़की,जब देवियां प्रबुद्ध दिखेंगी उस पर भड़की !महिला का
ॐ……आटा गीला हो गया कंगाली के दौर,खाते पर ताला दिए बैठा कोई और।बैठा कोई और लड़ें किस भांति इलेक्शन,बिन पैसे के बंद हो गए सारे
ॐ….ईडी वाले खेलते होली बिल्कुल मस्त,प्रश्नों की गुंझिया चखें नेता सारे भ्रष्ट।नेता सारे भ्रष्ट चलेगी जब पिचकारी,उगलेंगे सब राज महोदय बारी – बारी।बचते – बचते
ॐ……नैतिकता को घोलकर गटक गया वह यार,बैठे – बैठे जेल से चलती है सरकार।चलती है सरकार चलेगा कब तक ऐसे,राजनीति में लोग आ गए कैसे
ऊँ…….‘साउथ लॉबी’ ने किया पूरा बंटाधार, जेल यात्रा का बना वही प्रमुख आधार। वही प्रमुख आधार न लालच में यदि आते, तो निश्चित ही आज केजरी जेल न
ऊँ…..आंखें खोलो, सोचकर बोलो अब अखिलेश,वाणी के अविवेक पर थूक रहा है देश। थूक रहा है देश दोष क्या था बच्चों का, लगा रहे हो आप सियासत
ऊँ……यात्राएं करके हुए राहुल जी ‘मेच्योर’, सभी समर्थक हो गए अब तो उनके श्योर। अब तो उनके श्योर चलेगी मुंह की चक्की,कांग्रेस सरकार बनेगी अब तो पक्की
ॐ……चंदा वाइट में मिले तो उनको ऐतराज,मतलब, चलना चाहिए काले धन का राज।काले धन का राज सिरे से गलत इरादा,धन लें दल के नाम और
ऊँ…….डंका बजने जा रहा हो जाओ तैयार, रोज भिगोएंगी हमें वादों की बौछार। वादों की बौछार समझदारी दिखलाना, सुनकर मीठे बोल नहीं झांसे में आना। जिसे न भाता राष्ट्र