बाहरी प्रत्याशी 


……
अपने ही गोदाम में भरि बाहर का माल,
ममता दीदी ‘बाहरी’ पर खुद करें बवाल।
पर खुद करें बवाल बाहरी ले प्रत्याशी,
समझ रही हैं आप स्वयं को रानी झाँसी।

अपराधी पर छत्र तान कर पालें सपने,
सभी बाहरी आय बन रहे उनके अपने!
– ओमप्रकाश तिवारी 

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