नयन भरे हैं आज

सहते आए पांच सौ वर्ष तलक अपमान,
आज करें मिलकर सभी प्रभु का स्तुतिगान।
प्रभु का स्तुतिगान आ गई है शुभ बेला, 
हुआ आज से खत्म समझिए सेक्युलर खेला !
नयन भरे हैं आज न बनता कुछ भी कहते, 
सनातनी हर जुल्म रहे सदियों से सहते।

– ओमप्रकाश तिवारी