संदेशखाली

ऊँ
……

महिलाएं ही त्रस्त हैं इक महिला के राज, 
ममता दीदी को मगर तनिक न आती लाज। 
तनिक न आती लाज दिखें ना उनको आंसू, 
राजनीति की रेल चल रही उनकी धांसू। 
सुन करके ‘संदेश’ देखतीं दाएं-बाएं, 
भिजवाती हैं पत्र राज्य की जब महिलाएं। 

– ओमप्रकाश तिवारी 

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