ऊँ ...... देखो-देखो गौर से शाहजहां की चाल, जिसे बचाने में लगी ममता दी की ढाल। ममता दी की ढाल भाल उसका न झुकता, जनता करे हिसाब नराधम से अब चुकता। इसको सबक सिखाय सदन से बाहर फेंको, ये रोए और आप मौज से इसको देखो ! - ओमप्रकाश तिवारी
शाहजहाँ शेख
ऊँ ...... देखो-देखो गौर से शाहजहां की चाल, जिसे बचाने में लगी ममता दी की ढाल। ममता दी की ढाल भाल उसका न झुकता, जनता करे हिसाब नराधम से अब चुकता। इसको सबक सिखाय सदन से बाहर फेंको, ये रोए और आप मौज से इसको देखो ! - ओमप्रकाश तिवारी