मैं, और मेरी अयोध्या

सूर्य अभिषेक 

सरयू मन मा मुस्काय

मैं, और मेरी अयोध्या

लखनऊ से प्रकाशित होनेवाला दै शनक स्वतंत्र चेतना औपचाररक तौर पर मेरा पहला अखबार था, जहां मुझे बाकायदा वेतन शमलना

नव वर्ष

बाग में महुआ सुगंधित मन लुभाता है, आम के बौरों पे भँवरा गीत गाता है ;

सूर्य अभिषेक 

करके बालक राम का किरणों से अभिषेक, सूर्य देव भी धन्य हैं दृश्य अवध का देख।

सरयू मन मा मुस्काय रहीं

सरयू तट शीश धरे कलशा सब नारिहिं हैं बतियाय रहीं।

सफेदी बाल पर

सफेदी बाल पर गाल पर झुर्रियां खिल रहीं सूरते हाल पर झुर्रियां

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From the birth place of Lord Ram, Ayodhya.

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